MA Semester-1 Home Science Paper-I - Advanced Nutrition And Institutional Management - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :172
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2693
आईएसबीएन :0

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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन

अध्याय - 10

आहार के पोषक मूल्य बढ़ाने की विधियाँ

(Methods of Enhancing Nutritive Value of Food)

प्रश्न- खमीरीकरण की प्रक्रिया से बनाये जाने वाले पदार्थों का वर्णन कीजिए तथा खमीरीकरण प्रक्रिया के प्रभावों का वर्णन कीजिए।

उत्तर -

खमीरीकरण प्रक्रिया से बनाये जाने वाले पदार्थ

बहुत से पदार्थ खमीरीक रण की प्रक्रिया से बनाये जाते हैं। इनका संक्षिप्त विकास नीचे दिया जा रहा है-

1. डबलरोटी (Bread) - डबल रोटी बनाने के लिए यीष्ट का उपयोग सम्पूर्ण विश्व में किया जाता है। डबल रोटी का आटा गूँथते समय उसमें यीस्ट घोलकर मिला दिया जाता है। आमतौर पर सैक रोमाइसीस सैरेविसी यीस्ट का उपयोग किया जाता है। कुछ घण्टों के पश्चात् यीस्ट के कोषों का गुणन प्रारम्भ हो जाता है जिससे वे संख्या में बहुत अधिक बढ़ जाते हैं। डबलरोटी के मिश्रण में उपलब्ध शर्करा का पहले यीस्ट उपयोग करता है फिर अपने जाइमेज एन्जाइम के कॉम्प्लेक्स के द्वारा स्टार्च का परिवर्तन डेक्स्ट्रीन, माल्टोज और फिर ग्लूकोज में करता है। अंत में इसी ग्लूकोज का उपयोग कर यीस्ट कार्बन डाई आक्साइड, गैस, पानी व अल्कोहल बनाता है जिससे मिश्रण फूल जाता है। इसी फूले हुए आटे के मिश्रण को भट्टी में बेक कर डबलरोटी तैयार की जाती है।

2. इडली (Idli) - मुख्य रूप से दक्षिण भारत से इस व्यंजन की शुरूआत हुई परन्तु आज सम्पूर्ण भारत में यह बड़े चाव से खाया जाता है। इसमें उड़द व चावल (1 : 2) को भिगोकर अच्छी तरह से पीस लिया जाता है फिर दोनों को अच्छी तरह मिलाकर स्वादानुसार नमक मिलाकर 12 - 18 घण्टे खमीरीकृत किया जाता है इससे यह मिश्रण फूल जाता है तथा इसे इडली के साँचों में भाप द्वारा पका लिया जाता है। इडली के मिश्रण में खमीरीकरण यीस्ट व बैक्टीरिया दोनों के द्वारा होता है। वातावरण में उपस्थित अणुजीव ही खमीरीकरण का कार्य करते हैं। इडली के मिश्रण में लैक्टोबैसीलस समूह के कई बैक्टीरिया पाये जाते हैं जैसे लैक्टोबैसिलस लैक्टिस, लै. डेलब्रूकी, स्ट्रेप्टोकोक सलैक्टिस, पेडोकोक ससैरिविसी इत्यादि। 25- 30°C पर खमीरीक रण की क्रिया उचित प्रकार से होती है। 30° पर 16 घण्टे पर पर्याप्त खमीरीकरण की क्रिया उचित प्रकार से होती है तथा इडली के मिश्रण का pH घटकर 4.5 से 5.0 तक हो जाती है।

3. डोसा (Dosa) - यह भी चावल व उड़द की दाल के खरमीरीक रण द्वारा बनने वाला पदार्थ हैं परन्तु इसमें चावल का अनुपात दाल की अपेक्षा काफी अधिक अर्थात् 4 : 1 से 6 : 1 रखा जाता है फिर इसका घोल तैयार कर खमीरीकरण के लिए रख दिया जाता है फिर इसे तवे पर बना लिया जाता है व अन्दर आलू या इच्छानुसार मिश्रण भर दिया जाता है।

4. ढोकला (Dhokela) - यह चावल व चने की दाल के खमीरीक रण से बनने वाला पदार्थ है जो कि पश्चिम भारत में बहुत लोक प्रिय है। खमीरीक रण घोल को थालियों में भाप द्वारा पका लिया जाता है फिर टुकड़ों में काटकर इसे बघार दिया जाता है।

5. खमीरीकृत सोयाबीन पदार्थ (Fermented Soyabean Product) - सोयाबीन को खमीरीकृत कर बहुत से पदार्थ तैयार किये जा सकते हैं जैसे सोया, साँस सोयाबीन पेस्ट, आदि। सोया सॉस बनाने हेतु सोयाबीन को 4-6 घण्टे तक पकाकर फिर ठण्डा किया जाता है। इसे फिर बराबर मात्रा में भूने हुए गेहूँ के साथ मिलाकर एस्परजिलस बैक्टीरिया के साथ 6 महीने से 3 वर्ष के लिए छोड़ दिया जाता है फिर छानकर सॉस तैयार किया जाता है।

सोयाबीन पेस्ट में पका हुआ सोयाबीन व चावल लेकर एस्परजिलस बैक्टीरिया के साथ दो सप्ताह तक खमीरीकृत किया जाता है। इसका उपयोग सूप या चावल में डालने के लिए किया जाता है। टैम्पी में पके व मसले हुए सोयाबीन में फंगस मिलाकर 24 घण्टे तक रख दिया जाता है। फिर इसे हवा में इसे खुला छोड़ दिया जाता है। इसकी गंध तीव्र होती है पर यह बहुत पोषक होता है।

नाट्टो बनाने के लिए पके हुए सोयाबीन में बैसीलस सबटिलिस मिलाकर खमीरीकृत करते हैं तथा 20 घण्टे के पश्चात् यह खाने योग्य हो जाता है। हामनाट्टो बनाने के लिए भाप से पकाई सोयाबीन को फंगस के साथ मिलाकर खमीरीकृत किया जाता है। जब सम्पूर्ण सोयाबीन फंगस के ढक जाती है तो इसे धूप में सुखाया जाता है फिर इसे नमक के पानी में डालकर पुनः 3 से 12 महीनों तक खमीरीकृ त क रते हैं तथा फिर इसे धूप में सुखाकर उपयोग में लेते हैं।

अन्य पदार्थ (Other Products) - खमीरीकरण के द्वारा गन्ने के रस से सिरका, दूध से दही, चावल के पानी से कांजी तथा जौ, मक्का, चांवल, गुड़ या शर्करा से मद्यार्क पेय भी बनाये जाते हैं।

खमीरीकरण का प्रभाव (Effects of Fermentation) - खमीरीकरण के निम्नलिखित प्रभाव देखे गये हैं-

1. खमीरीकरण के द्वारा मिश्रण का आयतन दुगना या उससे भी अधिक हो जाता है। गैस का मिश्रण जितना अधिक होता है। आयतन में वृद्धि उतनी ही अधिक होती है। यही कारण है कि पकाने पर भी ऐसे पदार्थों   का आयतन बढ़ता है क्योंकि पकाने की क्रिया से मिलने वाली गर्मी के द्वारा आयतन अधिक हो जाता है। 2. खाद्य पदार्थों के न केवल आयतन में वृद्धि होती है वरन् बनने वाला पदार्थ बहुत नर्म व स्पंजी रचना का हो जाता है। 3. खाद्य पदार्थों की अम्लीयता बढ़ जाती है जिससे विशेष प्रकार का वांछित खट्टा स्वाद उनमें आता है। उचित खमीरीकरण के द्वारा खाद्य पदार्थों का pH घटकर 4.5 से 5.0 के बीच हो जाता है। 4. नॉन प्रोटीन नाइट्रोजन (Non-Protein Nitrogen) की मात्रा खमीरीकरण के द्वारा बढ़ती है। 5. खमीरीकृत पदार्थ हल्के होने के कारण पाचन में बड़े सरल हो जाते हैं। अपनी स्पंजी रचना के कारण उन पर पाचक रसों की क्रिया बड़ी सरलता से होती है। 6. 'B' समूह के विटामिन खमीरीकरण से बढ़ते है। 7. नुकसानदायक तत्व जैसे की फाटेट तथा ट्रिप्सिन इन्हींबीटर की मात्रा खमीरीक रण के पश्चात् घट जाती है। इससे लौह लवण व प्रोटीन की उपलब्धता में वृद्धि होती है। 8. आवश्यक अमीनो अम्ल की उपलब्धता भी खमीरीकरण की क्रिया के द्वारा बढ जाती है। विशेषकर दालों व कलियों के द्वारा तैयार किये जाने वाले खाद्य पदार्थों में। अतः प्रोटीन का पोषण इस क्रिया से बढ़ता     है।

उपरोक्त विवरण से स्पष्ट हो जाता है कि खमीरीकरण की क्रिया भी अंकुरण के समान ही हमारे लिए अत्यन्त लाभदायक है। अतः समय समय पर इसका उपयोग करके हम अपने आहार को अधिक पोषक बना सकते हैं।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- दैनिक आहारीय मात्राओं से आप क्या समझते हैं? आर.डी.ए. का महत्व एवं कार्य बताइए।
  2. प्रश्न- आहार मात्राएँ क्या हैं? विभिन्न आयु वर्ग के लिये प्रस्तावित आहार मात्राओं का वर्णन कीजिए।
  3. प्रश्न- संदर्भित महिला व पुरुष को परिभाषित कीजिए एवं पोषण सम्बन्धी दैनिक आवश्यकताओं का वर्णन कीजिए।
  4. प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं से आप क्या समझते हैं? दैनिक प्रस्तावित मात्राओं को बनाते समय ध्यान रखने योग्य आहारीय निर्देशों का वर्णन कीजिए।
  5. प्रश्न- गर्भावस्था में कौन-कौन से पौष्टिक तत्व आवश्यक होते हैं? समझाइए।
  6. प्रश्न- स्तनपान कराने वाली महिला के आहार में कौन से पौष्टिक तत्वों को विशेष रूप से सम्मिलित करना चाहिए।
  7. प्रश्न- एक गर्भवती स्त्री के लिये एक दिन का आहार आयोजन करते समय आप किन-किन बातों का ध्यान रखेंगी?
  8. प्रश्न- एक धात्री स्त्री का आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
  9. प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित आवश्यकता की विशेषताएँ बताइये।
  10. प्रश्न- प्रस्तावित दैनिक आवश्यकता के निर्धारण का आधार क्या है?
  11. प्रश्न- शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व कौन-कौन से हैं? इन तत्वों को स्थूल पोषक तत्व तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों में वर्गीकृत कीजिए।
  12. प्रश्न- भोजन क्या है?
  13. प्रश्न- उत्तम पोषण एवं कुपोषण के लक्षणों में क्या अन्तर है?
  14. प्रश्न- हमारे लिए भोजन क्यों आवश्यक है?
  15. प्रश्न- शरीर में जल की क्या उपयोगिता है
  16. प्रश्न- क्या जल एक स्थूल पोषक तत्व है?
  17. प्रश्न- स्थूल पोषक तत्व तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों में अंतर बताइये।
  18. प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट किसे कहते हैं? इसकी प्राप्ति के स्रोत तथा उपयोगिता बताइये।
  19. प्रश्न- मानव शरीर में कार्बोहाइड्रेट की कमी व अधिकता से क्या हानियाँ होती हैं?
  20. प्रश्न- आण्विक संरचना के आधार पर कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण किस प्रकार किया जा सकता है? विस्तारपूर्वक लिखिए।
  21. प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट का मानव शरीर में किस प्रकार पाचन व अवशोषण होता है?
  22. प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट की उपयोगिता बताइये।
  23. प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट क्या है? इसके प्राप्ति के स्रोत बताओ।
  24. प्रश्न- प्रोटीन से क्या तात्पर्य है? मानव शरीर में प्रोटीन की उपयोगिता बताइए।
  25. प्रश्न- प्रोटीन को वर्गीकृत कीजिए तथा प्रोटीन के स्रोत तथा कार्य बताइए। प्रोटीन की कमी से होने वाले रोगों के बारे में भी बताइए।
  26. प्रश्न- प्रोटीन के पाचन, अवशोषण व चयापचय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  27. प्रश्न- प्रोटीन का जैविक मूल्य क्या है? प्रोटीन का जैविक मूल्य ज्ञात करने की विधियाँ बताइये।
  28. प्रश्न- प्रोटीन की दैनिक जीवन में कितनी मात्रा की आवश्यकता होती है?
  29. प्रश्न- प्रोटीन की अधिकता से क्या हानियाँ हैं?
  30. प्रश्न- प्रोटीन की शरीर में क्या उपयोगिता है?
  31. प्रश्न- प्रोटीन की कमी से होने वाले प्रभाव लिखिए।
  32. प्रश्न- वसा से आप क्या समझते हैं? वसा प्राप्ति के प्रमुख स्रोत एवं उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
  33. प्रश्न- संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये - वसा का पाचन एवं अवशोषण।
  34. प्रश्न- वसा या तेल का रासायनिक संगठन बताते हुए वर्गीकरण कीजिए।
  35. प्रश्न- वसा की उपयोगिता बताओ।
  36. प्रश्न- वसा के प्रकार एवं स्रोत बताओ।
  37. प्रश्न- वसा की विशेषताएँ लिखिए।
  38. प्रश्न- पोषक तत्व की परिभाषा दीजिए। सामान्य मानव संवृद्धि में इनकी भूमिका का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- विटामिनों से क्या आशय है? इनके प्रकार, प्राप्ति के साधन एवं उनकी कमी से होने वाले रोगों के विषय में विस्तारपूर्वक लिखिए।
  40. प्रश्न- विटामिन
  41. प्रश्न- विटामिन 'ए' क्या है? विटामिन ए की प्राप्ति के साधन तथा आहार में इसकी कमी से होने वाले रोगों का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- विटामिन डी की प्राप्ति के साधन बताइये।
  43. प्रश्न- विटामिन सी की कमी से क्या हानियाँ हैं?
  44. प्रश्न- विटामिन डी की दैनिक प्रस्तावित मात्रा बताइये।
  45. प्रश्न- वसा में घुलनशील व जल में घुलनशील विटामिनों में क्या अन्तर है?
  46. प्रश्न- खनिज तत्वों से आप क्या समझते है? खनिज तत्वों का कार्य बताइए।
  47. प्रश्न- फॉस्फोरस एवं लोहे की प्राप्ति, स्रोत, कार्य व इसकी कमी से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए।
  48. प्रश्न- कैल्शियम की प्राप्ति के साधन कार्य तथा इसकी कमी से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए।
  49. प्रश्न- जिंक की कमी से शरीर को क्या हानि होती है? इनकी प्राप्ति के साधन उदाहरण सहित समझाइए।
  50. प्रश्न- आयोडीन का महत्व बताइये।
  51. प्रश्न- सोडियम का भोजन में क्या महत्व है?
  52. प्रश्न- ताँबे का क्या कार्य है?
  53. प्रश्न- शरीर में फ्लोरीन की भूमिका लिखिए।
  54. प्रश्न- शरीर में मैंगनीज का महत्व बताइये।
  55. प्रश्न- शरीर में कैल्शियम का अवशोषण तथा चयापचय की संक्षिप्त में व्याख्या कीजिए।
  56. प्रश्न- आहारीय रेशे का क्या अर्थ है? आहारीय रेशों का संगठन, वर्गीकरण एवं लाभ लिखिए।
  57. प्रश्न- भोजन में रेशेदार पदार्थों का क्या महत्व है? रेशेदार पदार्थों के स्रोत एवं प्रतिदिन की आवश्यकता का वर्णन कीजिए।
  58. प्रश्न- फाइबर की कमी शरीर पर क्या प्रभाव डालती है?
  59. प्रश्न- फाइबर की अधिकता से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
  60. प्रश्न- विभिन्न खाद्य पदार्थों में फाइबर की मात्रा को तालिका द्वारा बताइए।
  61. प्रश्न- भोजन पकाना क्यों आवश्यक है? भोजन पकाने की विभिन्न विधियों का वर्णन करिए।
  62. प्रश्न- भोजन पकाने की विभिन्न विधियाँ पौष्टिक तत्वों की मात्रा को किस प्रकार प्रभावित करती हैं? विस्तार से बताइए।
  63. प्रश्न-
  64. प्रश्न-
  65. प्रश्न- भोजन विषाक्तता पर टिप्पणी लिखिए।
  66. प्रश्न- भूनना व बेकिंग में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  67. प्रश्न- भोजन में मसालों की उपयोगिता बताइये।
  68. प्रश्न- खाद्य पदार्थों में मिलावट किन कारणों से की जाती है? मिलावट किस प्रकार की जाती है?
  69. प्रश्न- 'भोज्य मिलावट' क्या होती है, समझाइये।
  70. प्रश्न- खमीरीकरण की प्रक्रिया से बनाये जाने वाले पदार्थों का वर्णन कीजिए तथा खमीरीकरण प्रक्रिया के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- अनुपूरक व विस्थापक पदार्थों से आपका क्या अभिप्राय है? उनका विस्तृत वर्णन कीजिए।
  72. प्रश्न- विभिन्न खाद्य पदार्थों का फोर्टीफिके शनकि स प्रकार से किया जाता है? वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- भोजन की पौष्टिकता को बढ़ाने वाले विभिन्न तरीके क्या होते हैं? विवरण दीजिए।
  74. प्रश्न- अंकुरीकरण तथा खमीरीकरण किस प्रकार से भोजन के पौष्टिक मूल्य को बढ़ाते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  75. प्रश्न- खमीरीकरण की प्रक्रिया किन बातों पर निर्भर करती हैं।
  76. प्रश्न- खमीरीकरण पर टिप्पणी लिखिए।
  77. प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझती हैं? आहार आयोजन का महत्व बताइए।
  78. प्रश्न- 'आहार आयोजन' करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
  79. प्रश्न- आहार आयोजन को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का वर्णन कीजिए।
  80. प्रश्न- विभिन्न आयु वर्गों एवं अवस्थाओं के लिए निर्धारित आहार की मात्रा की सूचियाँ बनाइए।
  81. प्रश्न- एक खिलाड़ी के लिए एक दिन के पौष्टिक तत्वों की माँग बताइए व आहार आयोजन कीजिए।
  82. प्रश्न- एक दस वर्षीय बालक के पौष्टिक तत्वों की मांग बताइए व उसके स्कूल के लिए उपयुक्त टिफिन का आहार आयोजन कीजिए।
  83. प्रश्न- 'आहार आयोजन करते हुए आहार में विभिन्नता का भी ध्यान रखना चाहिए।' इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
  84. प्रश्न- एक किशोर लड़की के लिए पोषक तत्वों की माँग बताइए।
  85. प्रश्न- एक किशोरी का एक दिन का आहार आयोजन कीजिए तथा आहार तालिका बनाइये। किशोरी का आहार आयोजन करते समय आप किन पौष्टिक तत्वों का ध्यान रखेंगे?
  86. प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझते हैं?
  87. प्रश्न- आहार आयोजन के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  88. प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं के अनुसार एक किशोरी को कितनी ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
  89. प्रश्न- कैटरिंग की संकल्पना से आप क्या समझते हैं? समझाइये।
  90. प्रश्न- भोजन करते समय शिष्टाचार सम्बन्धी किन बातों को ध्यान में रखा जाता है?
  91. प्रश्न- भोजन प्रबन्ध सेवा (Catering Service) के विभिन्न प्रकारों को विस्तार से समझाइए।
  92. प्रश्न- एक गृहिणी अपने घर में किस प्रकार सुन्दर मेज सजाकर रखती है? समझाइए।
  93. प्रश्न- 'भोजन परोसना भी एक कला है।' इस कथन को समझाइए।
  94. प्रश्न- केटरिंग सेवाओं की अवधारणा और सिद्धान्त समझाइये।
  95. प्रश्न- 'स्वयं सेवा' के लाभ तथा हानियाँ बताइए।
  96. प्रश्न- छोटे और बड़े समूह में परोसने की विधियों की तुलना कीजिये।
  97. प्रश्न- Menu से आप क्या समझते हैं? विभिन्न प्रकार के Menu को समझाइये।
  98. प्रश्न- बड़े समूह की भोजन व्यवस्था पर एक टिप्पणी लिखिए।
  99. प्रश्न- कैन्टीन का लेखा-जोखा कैसे रखा जाता है? समझाइए।
  100. प्रश्न- बड़े समूह को खाना परोसते समय आप कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखेंगे तथा अपने संस्थान में एक लड़कियों के लिये कैंटीन की योजना कैसे बनाएंगे? विस्तारपूर्वक समझाइए।
  101. प्रश्न- खाद्य प्रतिष्ठान हेतु क्या योग्यताओं की आवश्यकता तथा प्रशिक्षण आवश्यक है? समझाइए।
  102. प्रश्न- बुफे शैली में भोजन किस प्रकार परोसा जाता है?
  103. प्रश्न- चक्रक मेन्यू क्या है?
  104. प्रश्न- 'पानी के जहाज (Ship) पर भोजन की व्यवस्था' इस विषय पर टिप्पणी करिये।
  105. प्रश्न- मेन्यू के सिद्धांत क्या हैं? विभिन्न प्रकार के मेन्यू के बारे में लिखिये।

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